तहज्जुद की नमाज़ का तरीका-Tahajjud Ki Namaz Ka Time , Tarika

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तहज्जुद की नमाज़ का तरीका | Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika

 

Tahajjud Ki Namaz : अगर आप Tahajjud ki Namaz ka Tarika Step by Step सीखना चाहते है तो आप सही जगह आए है आप इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ो ओर आसानी  से सीखो , 

Tahajjud Ki Namaz : Tahajjud ki namaz, an Islamic prayer, is performed during the late hours of the night. It is a voluntary (nafl) prayer that is offered after waking up from sleep. Tahajjud holds great significance and is considered as one of the most virtuous prayers. It is a means of seeking closeness to Allah and attaining spiritual upliftment. The practice involves waking up from sleep and dedicating a portion of the night for worship and supplication. By engaging in Tahajjud, believers aim to seek forgiveness, blessings, and guidance from Allah, as well as to deepen their connection with Him. The performance of Tahajjud requires understanding the proper intention (niyat) and following the prescribed manner of offering the prayer.

तहज्जुद की नमाज़ का टाइम | Tahajjud Ki Namaz Ka Time ⌚

tahajjud ki namaz ka time
Tahajjud ki Namaz ka Time

Time….. तहज्जुद की नमाज का समय क्या है?

Nafl TimeStart TimeEnd Time
Tahajjud Time09:35 PM03:56 AM
Ishraq Time05:45 AM08:54 AM
Chasht Time08:54 AM11:38 AM
Awwabin Time07:21 PM08:20 PM

Tahajjud Ki Namaz क्या है?

Tahajjud ki namaz raat ke beech ke waqt mein padhi jaati hai. Yah ek nafal namaz hai, jise raat mein sote samay uthkar padha jaata hai. Tahajjud namaz ke padhne se pahle thoda waqt sona chahiye taki raat ke beech ke waqt mein utha jaa sake. Yah namaz sune huye nafil namazon mein sabse aham maani jati hai aur isko padhne se sawab aur barkat milti hai. Tahajjud namaz ki adaegi ke liye niyat aur namaz ki sahi tarteeb ko samajhna zaruri hai.

 

तहज्जुद की नमाज़ फ़र्ज है या नफिल?

तहज्जुद नमाज़ नफ़ल (नाफ़िल) नमाज़ है। यह नमाज़ रात के आधी रात के बीच के समय में पढ़ी जाती है। तहज्जुद नमाज़ की पढ़ाई सोते समय उठकर की जाती है और इसे पढ़ने से सवाब और बरकत मिलती है। तहज्जुद नमाज़ को नफ़ल नमाज़ के रूप में जाना जाता है और यह नमाज़ सुन्नत मुआक़्क़दा के तौर पर मान्य है।

तहज्जुद की नमाज़ का तरीका | Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika

तहज्जुद की नमाज़ का तरीका हिंदी में निम्नलिखित है:

  1. नियत करें: नियत कीजिए कि आप अल्लाह के लिए तहज्जुद नमाज़ की इबादत कर रहे हैं। मन में स्पष्ट रूप से नियत करें और यह इच्छानुसार बोल सकते हैं।
  2. वुजू बनाएं: वुजू धारण करें, जो शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है। हाथ धोएं, मुंह और नाक को धोएं, सिर से पैर तक तीन बार वुजू करें।
  3. नमाज़ का समय जानें: अपने आस-पास के इस्लामिक कैलेंडर, मस्जिद या इंटरनेट से तहज्जुद नमाज़ का समय जानें। तहज्जुद नमाज़ का समय रात के आखिरी तिहाई भाग में होता है, जब आपको ठंड और शांति महसूस होती है।
  4. अदायगी की तैयारी: एक खामोश और शांत कमरे में जाएँ जहां कोई भी बाधा न हो। एक जायज़ साफ़ स्थान चुनें जहां आप नमाज़ पढ़ सकते हैं।
  5. तहज्जुद की रकातें: तहज्जुद नमाज़ में आपको दो से चार रकातें पढ़नी होंगी। प्रत्येक रकात में दो-दो इकट्ठे और अलग-अलग सूरह पढ़ें।
  1. नमाज़ की पढ़ाई: तहज्जुद नमाज़ में पहली रकात में सूरह फातिहा (अल हम्द) के साथ कोई छोटा सा सूरह पढ़ें। उसके बाद रुकू में जाएँ और तस्बीह पढ़ें, फिर उठें और सजदे में चलें। सजदे के बाद फिर से खड़े हो जाएँ और अगले रकात की तय्यारी करें।
  2. रुकू और सजदा: प्रत्येक रकात में, रुकू में गए बाद अल्लाह की तारीफ के लिए कुछ दुआएँ पढ़ें। सजदे में जाएँ और सजदे में अल्लाह के सामने भक्ति और आपकी दुआएँ पढ़ें।
  3. वित्तरी और सलाम: चार रकातें पूरी करने के बाद, दूसरे रकात के बाद भी रुकू, सजदे और तय्यारी करें। आखिरी रकात में आपको दूसरे सजदे के बाद बैठने के बाद तशह्हुद पढ़ें और अख़िर में सलाम करें।

तहज्जुद नमाज़ आपकी आत्मिक अभ्यास, ध्यान और आपके आस-पास की चीजों से परे होने का मौका प्रदान करती है। यह आपकी आत्मा को शांति और सकारात्मकत

ा प्रदान करती है और आपको अपने आप को अल्लाह के साथ संवाद में ला सकती है। तहज्जुद नमाज़ को नियमित रूप से अदा करने से आप अपने धार्मिक और आत्मिक सामर्थ्य को मजबूत कर सकते हैं।

1. Tahajjud ki namaz kese Shuro ki Jay?

Tahhajud ki namaz ap rat k kisi bhi hissy mai parh skty hain.Pehly hissy mai bhi,darmeyany hissy mai bhi or akhri hissy mai bhi jab k afzal tareen yehi hay k ap rat k akhri hissy mai nend sy bedar ho kr Tahajjud parhain.
Lekin agr ap akhri hissy mai namaz ni parh paty to sab sy asan tareeqa ye hay k ap fajar ki azan sy 40 minute phly uth jayain or foran wazu kr k fajar sy phly Tahajjud ki namaz ada kr lain esy nendsy bedari ka mamla bhi ho jayega or Tahajjud bhi ada ho jaye gi.

 Tahajjud ki namaz in Hindi
Tahajjud ki namaz in Hindi

Tahhajud ki Namaz kesy Parhi Jaye?

  1. Tahhajud ki namaz parhny ka koi khas ya alag tareeqa ni hota .Jesy ap farz namazain parhty hain Tahajjud bhi bilkul vesy hi parhi jati hay bas ap ko dil mai Tahajjud ki neyat krni hoti hay or namaz shuru kr deni hoti hay .Na ap ny is mai koi cheze extra add krni hoti hay or na hi koi cheze nikalni hoti hay.
  2.  

तहज्जुद की नमाज में कितनी रकात होती हैं?

  • Jesy Tahajjud ki namaz farz namaz nhi hay bilkul vesy hi is ki raka’at ki koi bhi tadad lazman nhi hay yani ap kum sy kum 2 raka’at bhi parh skty hain or zyada sy zyada 20 raka’at bhi lekin ap itni rakatain hi parhain jo ap achy tareeqy sy parh sakain or shuru shuru mai 4 rakatain hi kafi hoti hain ta k ap ko ye mushkil na lagy.bas akhir mai ap ny 3 witar parh leny hain.

तहज्जुद में कौन सी सूरतें पढ़ें?| Tahhajud ki namaz mai kon se suratain parhain?

 

Tahhajud ki namaz mai ap koi bhi surat parh skty hain isliye ap ko koi khas suratain nhi yad krni parti .Ap choti suratain bhi parh sakty hain or bari suratain bhi .Ap suratain parhny k liye quran ki madad bhi lay skty hain or quran sy dekh kr bhi parh skty hain

 

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika औरतों के लिए

औरत (Ladies) के लिए भी यही तरीका होगा जो ऊपर बताया गया है।

जिस तरीके से औरते अपनी नमाज़ अदा करती हैं उसी तरह से पढ़ना होगा।

लेकिन आपको तहज्जुद की नमाज़ की नियत करना होगा जो हमने ऊपर बताई है।

Kya Tahajjud roz parhna zarori hay?

Nhi! Hum mai sy aksar log sochty hain k agr aik dafa Tahajjud ki namaz parh li to vo hum py farz ho jaye gi jab k esa kuch nhi hay .Ap agr Tahajjud ki namaz mahiny mai bhi aik dafa parhty hain to ye kafi hay ap k liye ku k Tahajjud farz nhi hay hum py hum usy apni khushi or khawahish sy parhty hain isliye ap isy hafty mai aik bar parhain ya zindagi mai aik bar is mai koi bandish ni hay. Or na hi ap is k liye jawab deh hongy
So yad kr lain Tahajjud kesy parhni hay. 1.Ap ny fajar ki namaz sy 40 minute phly uth kr wazu kr lena hay or Tahajjud ki neyat kr k namaz shuru kr leni hay. 2.Ap ny utni hi raka’at parhni hain jitni ap asani sy parh sakain or sajdon ko lumba krna hay namaz ka maza lena hay. 3. Jo bhu suratain ap ko zubani yad hon vo sari ki sari ap ny parhni hain or agr nhi bhi yad to quran sy dekh kr parh leni hain.
4.2,2 raka’at kr k namaz prhni hay kitni parhni hain ye apki marzi hay.Bas akhir mai 3 witar parh kr namaz ko taq bana dena hay. 5 esy namaz parhni hay jesy Allah samny moujood ho or esy mangna hy jesy is mangny k bad mil jana ho.. 6. Khud ko thakana bilkul ni hay Allah tadad ni neyatain dekhta hay sobs jahan lagy k ab ruk jana chahiye wahin ruk jana hay. 

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ये हैं Tahajjud Ki Namaz Padne Ki Fazilat..

तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने की फजीलत बहुत बड़ी है। कुछ महत्वपूर्ण फजीलतें निम्नलिखित हैं:

  1. 👍 अदायगी की गहराई: तहज्जुद नमाज़ पढ़ने से इंसान की इबादत की गहराई में वृद्धि होती है और उसका ताल्लुक अल्लाह के साथ मजबूत होता है।
  2. 👍 दुआओं की सुन्दरता: इस नमाज़ में अधिक वक्त मिलता है जब आप अपने मन की बातें खुदा से कर सकते हैं और अपने दिल की ख्वाहिशों को उसके सामने रख सकते हैं।
  3. 👍 गुनाहों का क्षय: तहज्जुद नमाज़ पढ़ने से गुनाहों का क्षय होता है और इंसान की रूह में पवित्रता की भावना जागृत होती है।
  4. 👍 आत्मविश्वास का विकास: तहज्जुद नमाज़ को पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है, मन की शांति और स्थिरता मिलती है और दिनचर्या में सफलता की भावना विकसित होती है।
  5. 👍 अगले जीवन की उम्मीद: तहज्जुद नमाज़ की अदायगी से इंसान को अगले जीवन में जन्नत की उम्मीद होती है।

ये फजीलतें तहज्जुद नमाज़ को अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं और इसे पढ़ना मुस्लिम शख्स के लिए बहुत अच्छा होता है।

तहज्जुद में कुरान कैसे पढ़ना चाहिए |  

tahajjud ki namaz ka tarika
tahajjud ki namaz ka tarika

तहज्जुद नमाज के दौरान कुरान की तिलावत करने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन कर सकते हैं:

  1. शुरूआत में, सबसे पहले नियत करें कि आप तहज्जुद नमाज के लिए उठे हैं और कुरान की तिलावत करेंगे.
  2. एक संपूर्ण अरबी कुरान रखें जिसे आप पढ़ना चाहते हैं.
  3. कुरान की तिलावत के दौरान ध्यान दें कि आप साफ़ और शुद्ध हों. वजह से, स्नान और वज़ू करने से पहले कुरान पढ़ने का आपका अनुभव सुगम होगा.
  4. तिलावत करते समय, कुछ आदर्श तरीके हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:
    • समय बरतें: स्वच्छता और शांति के लिए, नियमित समय पर तहज्जुद नमाज पढ़ें.
    • ध्यान केंद्रित करें: मन को शांत रखें और केवल कुरान के शब्दों पर ध्यान केंद्रित करें.
    • सुन्नत तरीके से पढ़ें: आप सुन्नत तरीके से कुरान पढ़ सकते हैं, जिसमें तीन आयतें पढ़ी जाती हैं और फिर रुकू में जाया जाता है. इसे अनुशासित और संगठित बनाने के लिए आप एक तज्जल्ली पाठ ग्रंथ या कुरान के साथ एक गाइड का उपयोग कर सकते हैं.
    • तज्जल्ली करें: अगर आपके पास तज्जल्ली का अभ्यास है, तो इसे अपनी तिलावत में शामिल करें. तज्जल्ली से अरबी के अक्षरों को सही ढंग से उच्चारित करने में मदद मिलती है.
    • अर्थ को समझें: अगर आप अरबी नहीं समझते हैं, तो कुरान के अनुवाद को साथ रखें और अर्थ को समझें. इससे आपकी तिलावत का अधिकांश अर्थपूर्ण होगा.

याद रखें, तहज्जुद नमाज और कुरान की तिलावत एक आत्मिक अनुभव हैं, इसलिए इन्हें शांति और ध्यान में करें और इसे नियमित अभ्यास बनाएं। 

 

तहज्जुद की नमाज की दुआ |Tahajjud ki Dua इन hindi

Tahajjud Ki Namaz Ki Dua in hindi
Tahajjud Ki Namaz Ki Dua in hindi

तहज्जुद नमाज के दौरान पढ़ी जाने वाली दुआओं में से शीर्ष 10 दुआएँ निम्नलिखित हैं:

  1. Dua for Tahajjud (General Dua): “Allahumma lakal-hamdu anta noorus-samawaati wal-ardi wa man fihinna. Lakal-hamdu anta qayyimus-samawaati wal-ardi wa man fihinna. Lakal-hamdu anta rabbus-samawaati wal-ardi wa man fihinna.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, तेरी हम्द तुझे प्राप्त है, तू ही आकाश और धरती और उनमें होने वाले सभी की रौशनी है। तेरी हम्द तुझे प्राप्त है, तू ही आकाश और धरती को सम्भालने वाला है और उनमें होने वाले सभी की रौशनी है। तेरी हम्द तुझे प्राप्त है, तू ही आकाश और धरती के संपोषक है और उनमें होने वाले सभी की रौशनी है।”

  2. Dua after Tahajjud Salah: “Allahumma inni as’aluka ilman naafi’an, wa rizqan tayyiban, wa ‘amalan mutaqabbalan.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, मैं तुझसे उपयोगी ज्ञान, अच्छे रिज़्क और स्वीकृत कामों की मांग करता हूँ।”

  3. Dua for Seeking Forgiveness: “Astaghfirullah.”

    अर्थ: “मैं अल्लाह से माफ़ी मांगता हूँ।”

  4. Dua for Mercy and Blessings: “Allahumma innaka ‘afuwwun tuhibbul-‘afwa fa’fu ‘anni.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, तू क्षमा करने वाला है, तू क्षमा करने को पसंद करता है, इसलिए मुझे क्षमा कर दे।”

  5. Dua for Guidance: “Rabbanaa hablanaa min azwaajinaa wadhuriyyatinaa qurrata ‘ayioni waj’alnaa lil-muttaqeena Imaama.”

    अर्थ: “हे हमारे रब, हमें हमारी पत्नियों और अपने वंशजों से आँखों की ठंडक और मुत्तकी लोगों के लिए नेता बना दे।”

  6. Dua for Protection: “Allahumma inni a’udhu bika min sharri ma ‘amiltu wa min sharri ma lam a’mal.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, मैं उन बुराईयों से तुझसे पनाह मांगता हूँ जो मैंने किया है और जो मैंने नहीं किया है।”

  7. Dua for Contentment: “Allahumma a’inni ‘ala dhikrika wa shukrika wa husni ‘ibadatika.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, मेरी मदद कर ताकि मैं तेरी याद, तेरी शुक्रिया, और तेरी अच्छी इबादत कर सकूँ।”

  8. Dua for Forgiveness of Parents: “Rabbirhamhuma kama rabbayanee sagheera.”

    अर्थ: “हे रब, मेरे माता-पिता की रहमत कर, जैसा कि वे मुझ पर छोटे थे।”

  9. Dua for Strength and Patience: “Rabbi a’inni ‘ala asbabi wa wahmilni ‘ala ma laa a’tiq.”

    अर्थ: “हे मेरे रब, मेरी मदद कर मुझे उन वस्त्रों पर बल दे और मुझे वह सहनशीलता दे जिन्हें मैं नहीं उठा सकता।”

  10. Dua for Protection from Hellfire: “Allahumma ajirni minan-naar.”

    अर्थ: “हे अल्लाह, मुझे आग की आग से बचा ले।”

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तहज्जुद की नमाज़ का वक्त कब तक रहता है?



 आधी रात से लेकर सुबह सादिक़( फज़्र की अज़ान) तक 


तहज्जुद की नमाज़ सुन्नत है या नफील

तहज्जुद नमाज़ की पढ़ाई सोते समय उठकर की जाती है और इसे पढ़ने से सवाब और बरकत मिलती है। तहज्जुद नमाज़ को नफ़ल नमाज़ के रूप में जाना जाता है और यह नमाज़ सुन्नत मुआक़्क़दा के तौर पर मान्य है।


तहज्जुद की नमाज़ की नियत कैसे बांधे

नमाज़े तहज्जुद नफ्ल नमाज़ है इसलिए दो रकात नफ्ल नमाज़ ( तहज्जुद ) की नियत करें जैसे आप और नमाज़ों की नियत करते हैं। ”नियत करता हूँ मैं दो रकात नफ्ल नमाज तहज्जुद वास्ते अल्लाह त आला के


तहज्जुद की नमाज के बाद कौन सी दुआ पढ़नी चाहिए?


तहज्जुद की नमाज के बाद जो दुआ है वो ऊपर लिखी गए है वो जरूर पढे दुआ
 
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